पारद शिवलिंग मंत्र Can Be Fun For Anyone

अशी मान्यता आहे. लंकेचा राजा रावणाने पारद शिवलिंगाची पूजा करून भगवान शंकराला प्रसन्न करून अनेक शक्ती प्राप्त केल्या होत्या. अशी मान्यता आहे.

आप जितनी बार उसे हथेली पर घिसेंगे वह उतनी बार कालीक छोड़ेगा लेकिन शिवलिंग कभी काला नहीं होगा वह हमेशा चांदी की तरह चमकता रहेगा।

- विशेष उद्देश्यों तथा कामनाओं की प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की जाती है. किस प्रकार करें नर्मदेश्वर की आराधना ?

आपको बता दें कि यह शिवलिंग काफी महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है। जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। और धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती। साथ ही साथ जातक के जीवन में सारी समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। आयुर्वेद के अनुसार पराद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अस्थमा से लड़ने में काफी मदद मिलती है। इसीलिए यह शिवलिंग काफी लाभकारी होता है।

"All the things was really easy. I couldn't think that two days afterwards I had been watching my new truck - in my own driveway."

मोक्ष की प्राप्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग की नियमित पूजा मोक्ष की प्राप्ति में सहायक मानी जाती है।

ह्या जन्मी पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने मागील जन्मो जन्मी ची सर्व पापे दूर होऊन ह्या जन्मी ची सुद्धा कष्ट मिटविण्याची शक्ती पारद शिवलिंगामंध्ये आहे.

प्रेरक कथा: बूढ़े ने एक लड़के से कहा कि मेरी गठरियों को उठाने में मदद करो, इन्हें दूसरे गांव तक पहुंचा दो, इनमे सोने-चांदी के सिक्के हैं, मैं बदले में तुम्हें दो सिक्के दूंगा

येलदरी धरणामुळे परभणी, जिंतूर, वसमत या शहरांसह हिंगोली जिल्ह्याचा पाणीप्रश्नही…

तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

म्हणजेच कोट्यावधी शिवलिंगाच्या दर्शनाचे फळ एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजेने आणि दर्शनाने मिळते. पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने सकारात्मक फळ लाभते. धार्मिक मान्यतेनुसार, पारद शिवलिंग हे भगवान शंकराचे वास्तविक रूप आहे, म्हणून या शिवलिंगाची विधीवत पूजा केल्याने अनेक प्रकारे फायदा होतो. घरातील पारद शिवलिंग सौभाग्य, शांती, आरोग्य आणि सुरक्षिततेसाठी अत्यंत शुभ आहे. दुकाने, कार्यालये आणि कारखान्यांमध्ये व्यवसाय वाढवण्यासाठी पारद शिवलिंगाची पूजा हा एक निश्चित मार्ग आहे.

भगवान भोले नाथ ने स्वयं माता पार्वती से कहा था, की जो भी उपासक इस पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करेगा

रुद्र संहिता , पारद संहिता , ब्रम्हपुराण , शिव पुराण , उपनिषद , अशा अनेक ग्रंथात पारद शिवलिंगाचे वर्णन दिले गेले आहे.

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित check here करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

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